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Thursday, 16 July 2015

अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज

  1. हल्दी एंटी माइक्रोबियल है ! इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोकाईटिस, फेफड़ो में कफ और सायनस जैसी समस्याओ में आराम होता है !
  2. सर्दियो में चने के आटे का हलवा कुछ दिनों तक नियमित रूप से सेवन करना चाहिए !
  3. अस्थमा की बीमारी में सुबह सूखे अंजीर का सेवन करना अच्छा माना जाता है !
  4. दमा रोग में लौंग बहुत फायदेमंद है !
  5. कटहल दमा के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है ! विटामिन C की वजह से यह एंटीऔक्सीडेंट से भरपूर है और पेट में उल्सर की आशंका कम करता है !
  6. अनन्नास के रस में मुलेठी , बहेड़ा और मिश्री मिलाकर पीने से दमा और खाँसी में लाभ होता है !
  7. दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तो का काढ़ा लाभकारी है !

Monday, 13 July 2015

अंजीर के फ़ायदे


  1. अंजीर में पोटैशियम होने क करण यह ब्लड सुगर को नियंत्रित करता है !
  2. अंजीर को दूध में उबालकर सुभ –शाम खाने, ऊपर से दूध पीने से योनशक्ति बढती है ! गर्भवती महिलाओ क लिए भी यह नुस्खा लाभकारी है !
  3. डायबिटीज के रोगी में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है !
  4. अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है ! अस्थमा की बीमारी में सुबह सूखे अन्किर का सेवन करना अच्छा मन जाता है !
  5. अंजीर में पेक्टिन होता है, इसीलिए ये डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद होता है ! ये जमे हुए कोलेस्ट्रोल को बाहर निकलता है ! अंजीर हाइपरटेंशन की समस्या को भी दूर करता है !
  6. रात को 5 से 6 अंजीरो को टुकड़े करके 250 मि.ली. पानी में भिगो दे ! सुबह उस पानी को उबालकर आधा कर दे ! इस पानी को पीने के बाद अंजीर चबाकर खाएं तो थोड़े हि दिनों में कब्ज दूर होकर पाचन शक्ति मजबूत होगी ! बच्चो के लिए 1 से 3 अंजीर पर्याप्त है !

Sunday, 12 July 2015


जीरा के फ़ायदे 


  1. जीरा आयरन का सबसे अच्छा सोत्र है ! इसे नियमित रूप से खाने से खून की कमी दूर हो जाती है !गर्भवती महिलाओ के लिए जीरा अमृत का काम करता है !
  2. एक चुटकी कच्चा जीरा खाने से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलती है !
  3. डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ होता है !
  4. पके हुए केले को मैश करके उसमे थोड़ा सा जीरा मिलाकर रोजाना रात के खाने के बाद ले ! अनिद्रा की समस्या दूर हो जाएगी !
  5. सिने में जमे हुए कफ को बाहर निकालने के लिए जीरे को पीसकर फांक लें ! यह सर्दी-जुकाम से भी राहत दिलाता है !
  6. थायराइड  में एक कप पालक के रस के सात एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरा पाउडर मिलकर पिने से लाभ होता है!
  7. प्रसूति के पश्चात जीरे के सेवन से गर्भाशयकी सफाई हो जाती है !
  8. जीरा उबाल लें और छानकर ठंडा करें ! इस पानी से मुंह धोने से आपका चेहरा साफ और चकदार होगा !
  9. जिनको अस्थमा, ब्रोंकाइटीस या अन्य सांस संबंधी समस्या है , उन्हें जीरे का नियमित प्रयोग किसी भी रूप में करना चाहिए !


Thursday, 9 July 2015

बेल के फ़ायदे – Benefits of WoodApple 

1.  इसके पत्तों का काढा पीने से हृदय मजबूत होता है !

2 -  दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढा लाभकारी है !

3 -  पेट के कीड़े नष्ट करने के लिए बेल पत्र का रस ले !

4 -  एक चम्मच बेल पत्र का रस पिलाने से बच्चो के दस्त तुरंत रुक जाते है !

5 -  महिलाओ में अधिक् मासिक स्राव और श्वेत प्रदर के लिए और पुरुषों में धातु स्राव को रोकने के लिए बेल पत्र और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिए !

6 -  बेल पत्र के सेवन से शरीर में आहार के पोषक तत्व अधिकाधिक रूप से अवशोषित होने लगते है |

7 -  मन एकाग्र रहता है और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है |

8 -  इसके सेवन से शारीरिक वृद्धि होती है |

9 -  इसके पत्तों का काढा पीने से ह्रदय मज़बूत होता है | 

10 -  बारिश के दिनों में अक्सर आँख आ जाती है यानी कंजक्टिवाईटीस हो जाता है . बेल पत्रों का रस आँखों में डालने से ; लेप करने से लाभ होता है |

11 -  इसके पत्तों के १० ग्राम रस में १ ग्रा. काली मिर्च और १ ग्रा. सेंधा नमक मिला कर सुबह दोपहर और शाम में लेने से अजीर्ण में लाभ होता है | 

12 -  बेल पत्र , धनिया और सौंफ सामान मात्रा में ले कर कूटकर चूर्ण बना ले , शाम को १० -२० ग्रा. चूर्ण को १०० ग्रा. पानी में भिगो कर रखे , सुबह छानकर पिए | सुबह भिगोकर शाम को ले, इससे प्रमेह और प्रदर में लाभ होता है | शरीर की अत्याधिक गर्मी दूर होती है | 

13 -  बरसात के मौसम में होने वाले सर्दी , खांसी और बुखार के लिए बेल पत्र के रस में शहद मिलाकर ले |

14 -  बेल के पत्तें पीसकर गुड मिलाकर गोलियां बनाकर रखे. इसे लेने से विषम ज्वर में लाभ होता है |

15 -  दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढा लाभकारी है|

16 -  सूखे हुए बेल पत्र धुप के साथ जलाने से वातावरण शुद्ध होता है|

17 -  पेट के कीड़ें नष्ट करने के लिए बेल पत्र का रस लें|

18 -  एक चम्मच रस पिलाने से बच्चों के दस्त तुरंत रुक जाते है |

19 -  संधिवात में बेल पत्र गर्म कर बाँधने से लाभ मिलता है |

20 -  महिलाओं में अधिक मासिक स्त्राव और श्वेत प्रदर के लिए और पुरुषों में धातुस्त्राव हो रोकने के लिए बेल पत्र और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिए| 
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    अमूल्य कथन

    1 Amla a day = No Doctor
    1 Lemon a day = No Fat
    3 liters of Water per day = No Diseases
    5 Tulsi Leafs a day = No Cancer
    1 Cup milk a day = No bone Problem

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