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Saturday, 18 July 2015

दस्त का आयुर्वेदिक इलाज

  1. सौंठ, जीरे और सेंधे नमक का चूर्ण ताजा दही के मट्ठे में मिलकर भोजन के बाद सेवन करने से पुराना अतिसार कम होता है और कच्ची आँव मल बंधता है !
  2. पेट में गडबड हो तथा पतले दस्त हों , तो दही के साथ ईसबगोल की भूसी लें ! दही के साथ  चावल खाएं !
  3. एक चम्मच बेल प्रत्र का रस पिलाकर से बच्चों के दस्त तुरंत रुक जाते है!
  4. अगर डायरिया के मरीज को केवल लोंकी का जूस हल्के नमक और चीनी के साथ मिलाकर पिला दिया जाए तो यह प्राकृतिक जीवन रक्षक घोल बन जाता है !
  5. चावलों को पकाकर प्राप्त मांड को या चावल को दही के साथ खाने से दस्त में लाभ मिलता है !
  6. छोटी हरड के फ्लो को पीसकर चटनी बना लें ! एक – एक चमच की मात्रा में तीन बार इस चटनी के सेवन से पतले दस्त बंद हो जाता है !

Thursday, 9 July 2015

बेल के फ़ायदे – Benefits of WoodApple 

1.  इसके पत्तों का काढा पीने से हृदय मजबूत होता है !

2 -  दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढा लाभकारी है !

3 -  पेट के कीड़े नष्ट करने के लिए बेल पत्र का रस ले !

4 -  एक चम्मच बेल पत्र का रस पिलाने से बच्चो के दस्त तुरंत रुक जाते है !

5 -  महिलाओ में अधिक् मासिक स्राव और श्वेत प्रदर के लिए और पुरुषों में धातु स्राव को रोकने के लिए बेल पत्र और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिए !

6 -  बेल पत्र के सेवन से शरीर में आहार के पोषक तत्व अधिकाधिक रूप से अवशोषित होने लगते है |

7 -  मन एकाग्र रहता है और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है |

8 -  इसके सेवन से शारीरिक वृद्धि होती है |

9 -  इसके पत्तों का काढा पीने से ह्रदय मज़बूत होता है | 

10 -  बारिश के दिनों में अक्सर आँख आ जाती है यानी कंजक्टिवाईटीस हो जाता है . बेल पत्रों का रस आँखों में डालने से ; लेप करने से लाभ होता है |

11 -  इसके पत्तों के १० ग्राम रस में १ ग्रा. काली मिर्च और १ ग्रा. सेंधा नमक मिला कर सुबह दोपहर और शाम में लेने से अजीर्ण में लाभ होता है | 

12 -  बेल पत्र , धनिया और सौंफ सामान मात्रा में ले कर कूटकर चूर्ण बना ले , शाम को १० -२० ग्रा. चूर्ण को १०० ग्रा. पानी में भिगो कर रखे , सुबह छानकर पिए | सुबह भिगोकर शाम को ले, इससे प्रमेह और प्रदर में लाभ होता है | शरीर की अत्याधिक गर्मी दूर होती है | 

13 -  बरसात के मौसम में होने वाले सर्दी , खांसी और बुखार के लिए बेल पत्र के रस में शहद मिलाकर ले |

14 -  बेल के पत्तें पीसकर गुड मिलाकर गोलियां बनाकर रखे. इसे लेने से विषम ज्वर में लाभ होता है |

15 -  दमा या अस्थमा के लिए बेल पत्तों का काढा लाभकारी है|

16 -  सूखे हुए बेल पत्र धुप के साथ जलाने से वातावरण शुद्ध होता है|

17 -  पेट के कीड़ें नष्ट करने के लिए बेल पत्र का रस लें|

18 -  एक चम्मच रस पिलाने से बच्चों के दस्त तुरंत रुक जाते है |

19 -  संधिवात में बेल पत्र गर्म कर बाँधने से लाभ मिलता है |

20 -  महिलाओं में अधिक मासिक स्त्राव और श्वेत प्रदर के लिए और पुरुषों में धातुस्त्राव हो रोकने के लिए बेल पत्र और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिए| 

    Monday, 6 July 2015

    दही के फ़ायदे - Benefits of Curd


    • मोटापा कम करने के लिए दही प्रभावशाली है !
    • दही में ह्रदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और गुर्दों की बीमारियों को रोकने की अदभुत शमता है ! यह हमारे रक्त में बनने वाले कोलेस्टोल को बढ़ने से रोकता है !
    • पेट में गड़बड़ हो, पतले दस्त हो तो दही के साथ ईसबगोल की भूसी ले ! दही के साथ चावल खाए !
    • दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है जो शरीर में हड्डियों का विकास करती है !
    • बवासीर के रोगियों को चाहिए कि दोपहर में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीये !
    • दही में शहद मिलाकर चाटने से छोटे बच्चो के दांत आसानी से निकलते है !
    • पेट के रोगियों को चाहिए कि ज्वार की रोटी के साथ दही ले ! दही का सेवन भुने हुए जीरे व् सेंधे नमक के साथ करे !
    • शहद व् दही की समान मात्रा मिलकर सुबह –शाम लगाने से मुंह के छाले दूर हो जाते है !
    • दुबले व्यक्तयो को चाहिए कि दही में किशमिस, बादाम, छुहारा आदि मिलाकर पिए ! इससे वजन बढ़ता है !
    • बालो को सुंदर , स्वस्थ व् निरोगी रखने के लिए बालो को धोने के लिए दही या छाछ का प्रयोग करना चाहिए ! दही के प्रयोग से खुस्की व् रुसी समाप्त हो जाती है !
    • दही जीरे व् हिंग का छोंक लगाकर कहने से जोड़ो के दर्द में लाभ पहुचता है !
    • पसीने की बदबू दूर करने क लिए दही और बेसन मिलाकर शरीर पर मालिश करे तथा कुछ देर बाद स्नान करे !

    : सावधानिया :
    • रात में दही का प्रयोग नही किया जाना चाहिए।
    • मासहार के साथ दही के सेवन को विरुद्ध माना गया हँ।
    • दही दस्त अतिसार के रोगियो में मल को बाँधने वाला होता हँ।
    • मधुमेह से पीड़ित रोगियो को दही का सेवन समय से करना चाहिए।
    • जब खांसी, जुकाम, टॉन्सिल्स एवं सांस की तकलीफ हो तब दही का सेवन न करें।
    • दही सदैव ताजा एवं शुद्ध घर में मिटटी के बर्तन में बना हो तो अत्यंत गुणकारी होता हँ।

    Monday, 22 June 2015

    पुदीना के फ़ायदे

    • पुदीने का रस पीने से ख़ासी , उल्टी , अतिसार, हैजे में लाभ होता हैं , वायु व क्रमि का नाश होता है !
    • पुदीने में रोगप्रतिकारक शक्ति उत्पन्न करने कि अदभुत शमता है !
    • प्रातः काल एक गिलास पानी में 20-25 ग्राम पुदीने का रस व 20-25 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस कि बीमारी में विशेष लाभ होता है !
    • पुदीने के रस में नींबू मिलाकर लगाने से दाद मिट जाती है !
    • उल्टी, दस्त व हैजा में पुदीने के रस, प्याज अथवा अदरक का रस एवम शहद मिलाकर पिलाने अथवा अर्क देने से लाभ होता है !
    • मुख कि दुर्गन्ध में पुदीने के रस में पानी मिलाकर अथवा पुदीने के काढ़े का घूंट मुंह में भरकर रखे, फिर अगल दे ! इससे मुख कि दुर्गन्ध का नाश होता हैं !
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    अमूल्य कथन

    1 Amla a day = No Doctor
    1 Lemon a day = No Fat
    3 liters of Water per day = No Diseases
    5 Tulsi Leafs a day = No Cancer
    1 Cup milk a day = No bone Problem

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