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Sunday, 12 July 2015

पेट रोग का आयुर्वेदिक इलाज 


  1. बेल का मुरब्बा खाने से पित्त व् अतिसार में लाभ होता है ! पेट के सभी रोगों में बेल का मुरब्बा खाने से लाभ मिलता है !
  2. मसूर की दाल का सूप बनाकर पिनर से आँतो से सम्बन्धित रोगों में लाभ होता है !
  3. पपीता पेट के तीन प्रमुख रोगों आम, वात, और पित्त में राहत पहुंचाता है ! यह आँतो के लिए उत्तम होता है !
  4. संतरे में लहसुन, धनिया, अदरक मिलाकर, चटनी बनाकर खाने से पेट के रोगों में लाभ मिलता है !
  5. पेट के रोगियों को चाहिए की ज्वार की रोटी के साथ दही ले ! दही का सेवन भुने हुए जीरे व् सेंधे नमक के साथ करें !
  6. शहद और दालचीनी के पाउडर का मिश्रण लेने से पेट दर्द और पेट के उल्सर जड़ से ठीक हो जाती है ! दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है !
  7. कोई समस्या न हो तो कभी – कभी मुलेठी का सेवन कर लेना चाहिए ! इससे आँतो के उल्सर, कैन्सर का खतरा कम हो जाता है तथा पाचनक्रिया भी एकदम ठीक रहती है !
  8. अनार के दानों में नमक आयर काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द ठीक हो जाता है !

Thursday, 9 July 2015

पपीते के फ़ायदे – Benefits of Papaya 


  1. पपीते की जड 10 ग्राम और कुल्थी 50 ग्राम का मिश्रण लेकर काढा बनाकर लेने से बवासीर में फ़ायदा होता है !
  2. पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रा रोग में फ़ायदा होता है ! 
  3. पपीता पेट के तीनों प्रमुख रोगों आम, वात और पित्त में राहत पहुचाता है यह आंतों के लिए उतम होता है ! 
  4. पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन A होता है इसलिए यह आँखों और त्वचा के लिये बहुत ही अच्छा माना जाता है ! 
  5. विरेचेक होने की वजेह से पपीते का सेवन गर्वती  महिलाओ के लिए वजित माना गया है ! 

Sunday, 5 July 2015


  • रात को गाय का घी हल्का गर्म करके नथुनों में एक – एक बूँद डाल के सोए ! इससे खराटे बिलकुल बंद हो जाएगे, नींद अच्छी आएगी, बच्चो की याददाश्त बढेगी !
  • गाय का घी वात और पित्त दोषों को शांत करता है !
  • बच्चे के जन्म के बाद वात बढ़ जाता है जो घी के सेवन से निकल जाता है !
  • ह्रदय की नलियों में जब ब्लॉकेज हो तो गाय का घी एक ल्यूब्रिकेंट का काम करता है !
  • गर्मियों में जब पित्त बढ़ जाता है तो घी उसे शांत करता है !
  • वनस्पति घी कभी न खाएं – ये पित्त बढ़ाता है और शरीर में जम जाता है !
  • घी को कभी भी मलाई गर्म करके न बनाए ! दही जमाकर मथने से घी में प्राण शक्ति आकर्षित होती है ! फिर इसको गर्म करने से घी मिलता है !

नोट :- उपरोक्त सभी लाभ देशी नसल की गाय में घी में ही संभव है !

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अमूल्य कथन

1 Amla a day = No Doctor
1 Lemon a day = No Fat
3 liters of Water per day = No Diseases
5 Tulsi Leafs a day = No Cancer
1 Cup milk a day = No bone Problem

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