गुर्दों के रोग का आयुर्वेदिक इलाज
- लोकी में शेष्ठ किस्म का पोतेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है , इसलिए यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है
- गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार गुनगुना पानी पीना चाहिए !
- ताजा मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर , उस पानी को छान्कार्ट मिश्री मिलाकर पिने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है !
- आंवले का नियमित सेवान हमारे गुर्दों को स्वस्थ रखता है !
- हरे धनिए के एक गुच्छे को पानी से धो लें ! इसके पत्तों को तोड़कर बारिक – बारिक काट लें और इन्हें एक गिलास पानी में डालकर १० मिनट तक उबाल और छानकर ठंड होने के लिए रख दें ! अच्छे से ठण्डा होने के बाद इसको पि लें ! रोजाना ऐसा करें , कुछ दिन में ही आपके गुर्दों की सफाई हो जाएगी और सारी गंदगी मूत्र के साथ अपने आप बाहर निकल जाएगी !
- किडनी तथा लीवर की समस्या में खीरे का नियमित रूप से सेवन करने से समस्या से मुक्ति मिलेगी !
चना के फ़ायदे | Ayurvedic Benefits of Chana in Hindi | Bhuna Chana Benefits in Hindi
- भुने हुए चने में रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व् कफ दूर हो जाता है !
- चनों को पानी में भिगो दे, उसके बाद चने निकालकर पानी को पी जाए ! शहद मिलाकर पीने से किन्ही भी कारणों से उत्पन्न नपुंसकता समाप्त जाती है !
- चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे ! सुबह उठकर खूब चबा – चबाकर खाए ! इसके लगातार सेवन करने से वीर्य (Semen) में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याए खत्म हो जाती है !
- बार – बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हुए चनों का सेवन करना चाहिए ! गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है !
- रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है !
गाजर के फ़ायदे - Benefits of Carrot
- गाजर को आँखों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद माना जाता है क्योकि यह विटामिन A का सबसे अच्छा सोत्र है !
- गाजर के रस का रोज सेवन करने से दिमागी कमजोरी दूर होती है !
- मासिक कम आने पर या समय होने पर भी न आने पर गाजर 5 ग्राम बीजों को 20 ग्राम गुड के साथ काढ़ा बनाकर लेने से लाभ होता है !
- गाजर के पत्तों पर दोनों ओर घी लगाकर उन्हें गर्म करे ! फिर उनका रस निकल कर 2-3 बूंदे कान एवं नाक में डाले ! इससे आधासीसी (Migraines) का दर्द मिटता है !
- जल जाने पर प्रभावित अंग पर बार – बार गाजर का रस लगाने से लाभ होता है !
- गाजर का रस पीने से पेशाब खुलकर आता है , रक्तशर्करा भी कम होती है ! गाजर का हलवा खाने से पेशाब में कैल्सियम व फास्फोरस का आना बंद हो जाता है !
- गाजर के रस में नमक , धनिया पत्ती , जीरा , कलि मिर्च, नीम्बू का रस डालकर पीने से पाचक संबंधी गडबडी दूर होती है !
- ह्रदय की कमजोरी अथवा धड़कने बढ़ जाने पर गाजर को भुनकर खाने से लाभ होता है !
- गाजर को कद्दूकस करके नमक मिलकर खाने से खाज – खुजली में फायदा होता है !
खीरा के फ़ायदे
- पेट की गैस, एसिडिटी, छाती की जलन में नियमित रूप से खीरा खाना लाभप्रद होता है!
- जो लोग मोटापे से परेशान रहते हैं, उन्हें सवेरे इसका सेवन करना चाहेये!
- घुटनों के दर्द वाले व्यक्ति को खीरे अधिक खाने चाहिये तथा साथ में एक लहसुन की कली भी खा लेनी चाहिये!
- पथरी के रोगी को खीरे का रस दिन में दो तीन बार जरुर पीना चाहिये! इससे पेशाब में होने वाली जलन व रूकावट दूर होती है!
- खीरा रक्तचाप को भी काबू में रखने में कारगर है! इसमें मोजूद पोटेशियम ज्यादा और कम, दोनों तरह के रक्तचाप को नियंत्रित रखता है!
- अगर आपके नाख़ून बार- बार टूट जाते है तो आज से ही खीरे का सेवन शुरु करे ! यह आपके नाखुनो को मजबूती देता है !
- अपने बालो को सेहतमंद रखने के लिए खीरे के जूस का सेवन करे !
- दांतों और मसूढो से जुडी समस्याओ और पायरिया जैसे रोग में भी खीरा फायदेमंद है !
!!! सावधानिया !!!
- खीरा कभी भी बासी न खाएं !
- खीरे का सेवन रात में न करे !
- खीरे के सेवन के तुरंत बाद पानी न पिये !
ककड़ी के फ़ायदे
- कच्ची ककड़ी में आयोडीन पाया जाता है! गर्मी में पैदा होने वाली ककड़ी श्वस्थ्यवर्धक तथा वर्षा व शरद ऋतु की ककड़ी रोगकर मानी जाती है! ककड़ी स्वाद में मधुर , मुत्रकारक, वातकारक स्वादिष्ट तथा पित्र का शमन करने वाली होती है!
- उल्टी, जलन, थकान, प्यास, रक्तविकार, मधुमेह में ककड़ी फायदेमंद है!
- ककड़ी के बीच पानी के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करने से त्वचा स्वस्थ व चमकदार होती है!
- ककड़ी के रस में शक्कर या मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है!
- ककड़ी को मिंगी के साथ घोटकर पिलाने से पथरी रोग में लाभ पहुंचता है!
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लोकी के फ़ायदे
- लोकी को उबाल कर कम मसालों के साथ सब्जी बनाकर खाने पर यह मूत्रल (डायरेटिक), तनावमुक्त करने वाली (सेंडेटिव) और पित्त को बाहर निकालने वाली औषधि है !
- ह्रदय रोग में, एक कप लोकी के रस में थोड़ी सी कलि मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता हैं !
- अगर डायरिया के मरीज को केवल लोकी का जूस हलके नमक और चीनी के साथ मिलाकर पिला दिया जाये तो यह प्राक्रतिक जीवनरक्षक घोल बन जाता है !
- लौकी का जूस निकलकर, नींबू के रस में मिलाकर एक गिलास कि मात्रा में सुबह-सुबह पीने से यह प्राक्रतिक अल्क्लाइजर का काम करती हैऔर केसी भी पेशाब कि जलन चंद पलो में ठीक हो जाती है !
- लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटैशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है !
- हैजा होने पर 25 मि.ली. लौकी क रस में आधे नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिए !