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Monday, 19 September 2016

Ayurvedic Benefits of Jamun in Hindi

पसीने की दुर्गन्ध में 

पसीने से पैदा हुई दुर्गन्ध खुद को परेशान करे या न करे पर आपके आसपास के लोगो के लिए यह परेशनी पैदा कर देती है ! जिन लोगो के पेरो व शरीर के अन्य हिस्सों से भयंकर दुर्गन्ध आती हो वे जामुन की 3 -4 ग्राम पत्तिया व 1 – 2 ग्राम बेल पत्रों को कुचलकर पानी में पकाये ! एक चौथाई पानी शेष रहने पर इस काढ़े को छानकर सेवन करे ! सुबह – शाम इसके सेवन से पसीने की दुर्गन्ध से निजात मिल जाएगी !

मुंह के छालो में

मुंह में छाले पड़ गये हो तो जामुन के नरम और ताजे पत्तो को धोकर व कुटकर उबाले ! इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के ख़राब से ख़राब छाले भी मिट जायेगे ! इसी पानी से गरारे करने से गला भी ठीक हो जाता है !

मधुमेह में 

मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन बहुत लाभकारी है ! जामुन की गुटली, सुखा करेला, कुटकी और मेथी, इन चारो को कुटकर पाउडर कर ले ! इस पाउडर को 1 – 1 चम्मच सुबह – शाम लेने से मधुमेह में लाभ मिलेगा ! मात्र जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन करने से भी मधुमेह के नियन्त्र्ण में सहायता मिलती है !

दंत रोगों में 

दंत रोगों में जामुन का प्रयोग बहुत लाभकारी है ! जामुन की सुखी छाल को जलाकर उसकी राख में सेंधा नमक मिला ले ! इसको दंत मंजन की तरह प्रयोग करने से दांतों के हर प्रकार के विकारों में फायदा होगा और मसूड़े भी स्वस्थ होंगे !

नेत्र विकारों में

आंख के हर प्रकार के विकारों में जानुम के पत्तो का प्रयोग बहुत लाभकारी है ! जामुन के ताजे व कोमल पत्तो को कुटकर लुगदी बना ले ! इस लुगदी को टिकिया का आकार देकर आंखो पर रखकर कपडा बांध दे ! इससे आंखो की लाली , संक्रमन व अन्य विकार दूर होंगे !

Friday, 9 September 2016

Ayurvedic Benefits of Scutch Grass (Dube) in Hindi

Ayurvedic Benefits of Scutch Grass (Dube) for Mouth Ulcers, Nose Bleeding, Eye Infection, Sexual Problems, Stress, Viral Fever, Migraine, Itching, Urine Infection, Acidity, Leucorrhea in Hindi


मुह के छालों में 

जिनके मुह में छाले है वे दूब घास का रस निकाल कर थोडा फिटकरी मिलाकर गरारे करे ! इससे मुह के छाले ख़तम हो जायेंगे ! ध्यान रहे पूजा वाली दूब का ही प्रयोग करे !

नकसीर में 

जिनको नकसीर की शिकायत है वे दूब घास के रस को निकाले और 4 -4 बूंद रस को नाक में डाले ! रक्तस्राव के दौरान भी यदि नाक में रस डालते है तो तुरंत रक्तस्राव बंद हो जायेगा ! जिनको बार – बार नकसीर की शिकायत रूप से सेवन करे ! इससे नकसीर परेशानी में लाभ होगा !

आखो की परेशानी में

जिनको आखोँ की परेशानी है व आखोँ में दर्द रहता है वे दूब घास को पीसकर टिकिया बनाकर आखोँ पर बांधे ! उससे आखो की परेशानी दूर होगी और दर्द में भी आराम मिलेगा !

वासना में 

सफ़ेद दूब उत्तेजना को कम करने वाला माना गया है ! जो वासना से विरक्त होना चाहते है उनके लिए भी दूब बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए सफ़ेद दूब को पीसकर 3 – 4 चम्मच रस को प्रात काल नियमित रूप से सेवन करे ! इससे वासना की आशक्तत्ता काम भावना कम होगी और वे सुख पूर्वक जीवन बितायेंगे !

तनाव में 

जिनको तनाव रहता है , उनके लिए दूब घास का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर पेरो में लेप लगायें ! इससे मस्तिक को ठंडक मिलेगी और तनाव भी कम हो जायेगा !

सिर दर्द में

सिरदर्द क लिए दूब का प्रयोग बहुत ही लाभ करी है ! जिनको सिर दर्द की शिकायत है वे दूब घास को पीसकर उसमे थोडा चुना मिलाकर अपने सिर में लेप लगाये ! इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा !

तालू बैठ ने में

जिन बच्चो में तालू बेठ गई हो उनके लिए दूब घास बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास का 2 – 2 बूँद रस नाक में डाले या सुधा दे ! इससे तालू सामान्य हो जायेगा और वे जल्द ही ठीक हो जायेगे !

बुखार में

जिनको बुखार है, Viral Fever या मलेरिया है वे दूब घास को पीसकर रस निकालकर थोडा पानी मिलाकर, 2 – 2 चम्मच पिलायें ! इससे मलेरिया व वायरल फीवर के दौरान होने वाली परेशानी दूर हो जाएगी और शरीर की ताकत भी मिलेगी ! 

खुजली में 

जिन बच्चो को खुजली की शिकायत है वे दूब घास को कुटकर 4 गुना पानी में पकाए ! जब एक भाग बच जाय तो उसे छानकर उसमे थोडा सा सरसों का तेल व कपूर मिलाकर मालिश करे ! इससे खुजली जल्द ही समाप्त हो जाएगी !

मूत्र रोग में 

दूब घास मूत्रल है ! जिनको पेशाब संबंधी परेशानी है उनके लिए दूब लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को जड़ सहित उखड कर , टुकड़े कर छाया में सुखाकर पाउडर करे ! लगभग 2 चम्मच को 400 ग्राम पानी में पकाए ! जब 100 ग्राम बच जाय तो उसे छानकर पिये ! इससे पेशाब संबंधी परेशानियों में आराम मिलेगा ! जिसका सिरम केटनिन या ब्लड य्युरिया बढ़ा हुआ है उसके लिए दूब का काढ़ा बहुत अच्छा प्रयोग है !

अलसर में

जिनको Acidity की शिकायत है , ulcer है पेट में संक्रमन व सुजन है उनके लिए दूब घास बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर 3 – 4 चम्मच रस निकाल ले उस रस को सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करे ! इससे Acidity , Ulcer , संक्रमन व सुजन में आराम मिलेगा !

लिकोरिया में 

जिन महिलायों को लिकोरिया की शिकायत है उनके लिए दूब बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर 4 – 5 चम्मच रस निकाल कर प्रतिदिन प्रातः काल सेवन करे ! इससे लिकोरिया व इससे संबंधित अन्य परेशानियों में आराम मिलेगा !

Wednesday, 7 September 2016

Ayurvedic Benefits of Hibiscus (Gudhal) for Leukorrhea, Hair Fall, Cough, Anemia Problem in Hindi

Ayurvedic Benefits of Hibiscus (Gudhal) for Leukorrhea, Hair Fall, Cough, Anemia Problem in Hindi 


प्रमेह में

जिनको प्रमेह की शिकायत है या धातु रोग है उनके लिए गुडहल का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है ! जिनको धातु रोग की वजह से नपुंसकता की शिकायत है वे गुडहल की तीन फूल को तोड़कर सुबह खाली पेट चबा – चबाकर खायें और एक गिलास पानी पिये ! इससे प्रमेह व यौन दुर्बलता जैसी समस्या धीरे – धीरे तथा मूत्र संबंधी अन्य समस्याओ में लाभ होगा !

बाल झड़ने में

बालो के लिए गुडहल का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है ! जो लोग गंजे है , जिनके बाल झड रहे है या बालों में रूसी है वे गुडहल की 10 -15 पत्तियो को कुटकर 100 ग्राम नारियल के तेल में धीमी आंच पर पकाये ! जब वह पूरी तरह से पाक जाये तो उसे छानकर शीशी में भर ले ! फिर इसको नियमित रूप से बालो में लगायें !इससे बालों का झड़ना बंद हो जायेगा और रूसी की समस्या से भी निजात मिलेगा !

खांसी में

जिनको खांसी की शिकायत है व कुम्जोरी है वे गुडहल की जड़ की 400 ग्राम पानी में उबाले , जब एक चौथाई बचे तो उसे छानकर पिये ! इससे खांसी व कुमजोरी में आराम मिलेगा !

कमजोरी में

जिनको कमजोरी की शिकायत है वे गुडहल के फूल व पत्तियों का पाउडर कर रखे ! फिर 1 – 1 चम्मच के साथ सेवन करे ! इससे कमजोरी की शिकायत दूर होगी !
गुडहल का गुलकंद भी कमजोरी को दूर करने वाला माना गया है ! इसके लिए गुडहल के फूल व बराबर मात्रा में मिश्री की ले ! मिश्री का पाउडर कर , उससे गिधाल के फूल मो मसले , फिर कांच के जार में भर कर धुप में रख दे ! कुछ दिनों बाद प्रातः काल 1 – 2 चम्मच गुलकंद का नियमित रूप से सेवन करे ! इससे कमजोरी दूर होगी और धातु रोग व प्रमेह में भी आराम मिलेगा ! 

रक्ताल्पता में 

जनको रक्ताल्पता Anemia की शिकायत है उनके लिए गुडहल का प्रयोग बहुत ही लाभ करी है ! इसके लिए गुडहल के फूल व पत्तियो का काढ़ा बनाकर सेवन करे ! इससे रक्ताल्पता की शिकायत दूर होगी !

उल्सर में

जिनको Ulcerative Colitis है , उल्सर है व अपच की शिकायत है वे गुडहल की 4 – 5 पत्तियों व फूल को पीसकर शरबत बनाकर पियें ! इससे पेट संबंधी परेशानी दूर होगी एयर कब्ज व अपच में भी आराम मिलेगा ! 

मुह के छालो में 

जिनको मुह में छाले हो वे गुडहल की 3 – 4 पत्त्तियो को धोकर चबाये , और उसके लार को मुह में चारो तरफ घुमाये ! कुछ देर बाद चाहे तो उसे निगल जाये अथवा बाहर निकाल दे ! इससे मुह के छाले ठीक हो जायेंगे और मुह में बदबू भी नही आएगी !



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अमूल्य कथन

1 Amla a day = No Doctor
1 Lemon a day = No Fat
3 liters of Water per day = No Diseases
5 Tulsi Leafs a day = No Cancer
1 Cup milk a day = No bone Problem

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