Ayurvedic Benefits of Scutch Grass (Dube) for Mouth Ulcers, Nose Bleeding, Eye Infection, Sexual Problems, Stress, Viral Fever, Migraine, Itching, Urine Infection, Acidity, Leucorrhea in Hindi
मुह के छालों में
जिनके मुह में छाले है वे दूब घास का रस निकाल कर थोडा फिटकरी मिलाकर गरारे करे ! इससे मुह के छाले ख़तम हो जायेंगे ! ध्यान रहे पूजा वाली दूब का ही प्रयोग करे !
नकसीर में
जिनको नकसीर की शिकायत है वे दूब घास के रस को निकाले और 4 -4 बूंद रस को नाक में डाले ! रक्तस्राव के दौरान भी यदि नाक में रस डालते है तो तुरंत रक्तस्राव बंद हो जायेगा ! जिनको बार – बार नकसीर की शिकायत रूप से सेवन करे ! इससे नकसीर परेशानी में लाभ होगा !
आखो की परेशानी में
जिनको आखोँ की परेशानी है व आखोँ में दर्द रहता है वे दूब घास को पीसकर टिकिया बनाकर आखोँ पर बांधे ! उससे आखो की परेशानी दूर होगी और दर्द में भी आराम मिलेगा !
वासना में
सफ़ेद दूब उत्तेजना को कम करने वाला माना गया है ! जो वासना से विरक्त होना चाहते है उनके लिए भी दूब बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए सफ़ेद दूब को पीसकर 3 – 4 चम्मच रस को प्रात काल नियमित रूप से सेवन करे ! इससे वासना की आशक्तत्ता काम भावना कम होगी और वे सुख पूर्वक जीवन बितायेंगे !
तनाव में
जिनको तनाव रहता है , उनके लिए दूब घास का प्रयोग बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर पेरो में लेप लगायें ! इससे मस्तिक को ठंडक मिलेगी और तनाव भी कम हो जायेगा !
सिर दर्द में
सिरदर्द क लिए दूब का प्रयोग बहुत ही लाभ करी है ! जिनको सिर दर्द की शिकायत है वे दूब घास को पीसकर उसमे थोडा चुना मिलाकर अपने सिर में लेप लगाये ! इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा !
तालू बैठ ने में
जिन बच्चो में तालू बेठ गई हो उनके लिए दूब घास बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास का 2 – 2 बूँद रस नाक में डाले या सुधा दे ! इससे तालू सामान्य हो जायेगा और वे जल्द ही ठीक हो जायेगे !
बुखार में
जिनको बुखार है, Viral Fever या मलेरिया है वे दूब घास को पीसकर रस निकालकर थोडा पानी मिलाकर, 2 – 2 चम्मच पिलायें ! इससे मलेरिया व वायरल फीवर के दौरान होने वाली परेशानी दूर हो जाएगी और शरीर की ताकत भी मिलेगी !
खुजली में
जिन बच्चो को खुजली की शिकायत है वे दूब घास को कुटकर 4 गुना पानी में पकाए ! जब एक भाग बच जाय तो उसे छानकर उसमे थोडा सा सरसों का तेल व कपूर मिलाकर मालिश करे ! इससे खुजली जल्द ही समाप्त हो जाएगी !
मूत्र रोग में
दूब घास मूत्रल है ! जिनको पेशाब संबंधी परेशानी है उनके लिए दूब लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को जड़ सहित उखड कर , टुकड़े कर छाया में सुखाकर पाउडर करे ! लगभग 2 चम्मच को 400 ग्राम पानी में पकाए ! जब 100 ग्राम बच जाय तो उसे छानकर पिये ! इससे पेशाब संबंधी परेशानियों में आराम मिलेगा ! जिसका सिरम केटनिन या ब्लड य्युरिया बढ़ा हुआ है उसके लिए दूब का काढ़ा बहुत अच्छा प्रयोग है !
अलसर में
जिनको Acidity की शिकायत है , ulcer है पेट में संक्रमन व सुजन है उनके लिए दूब घास बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर 3 – 4 चम्मच रस निकाल ले उस रस को सुबह खाली पेट नियमित रूप से सेवन करे ! इससे Acidity , Ulcer , संक्रमन व सुजन में आराम मिलेगा !
लिकोरिया में
जिन महिलायों को लिकोरिया की शिकायत है उनके लिए दूब बहुत ही लाभकारी है ! इसके लिए दूब घास को पीसकर 4 – 5 चम्मच रस निकाल कर प्रतिदिन प्रातः काल सेवन करे ! इससे लिकोरिया व इससे संबंधित अन्य परेशानियों में आराम मिलेगा !
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