वातरोग – गठिया का आयुर्वेदिक इलाज
- प्रतिदिन प्रातः काल तुलसी के पांच पत्ते तथा दो काली मिर्च खाने से वातरोग का नाश होता है !
- बुढ़ापे में शरीर में वात तत्व प्रधान हो जाता है ! घुटने से नीचे पैर दबाने से, उसमें तेल मलने से कुपित वात निकल जाता है और वात रोंगों में आराम मिलता है !
- कई बार अत्यधिक गर्मी से और मौसम परिवर्तन से भी शरीर में वात बढ़ जाता है ! तब कई बार शरीर में सूजन महसूस होती है, तब पैरो को दबाने से और तेल लगाने से लाभ मिलता है !
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