मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज
- मधुमेह के रोगी चोकरयुक्त आटा, मुंग, अरहर व् चने की दाल, करेला, परवल, लौकी, तोरई, पालक व् बथुआ आदि की सब्जिया, टमाटर, खीरा और पपीता व् अमरुद आदि फलों का ( अल्प मात्रा में ) सेवन करे ! नाश्ते में अंकुरित अन्न या फीका दूध या छाछ ले !
- मीठे पदार्थों का त्याग करे ! तले पदार्थो, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, बर्गर व् पिज़्ज़ा आदि का भी प्रयोग न करे !
- अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 मधुमेह में लाभप्रद है ! ओमेगा 3 हमारे शरीर के अंदर नही बनता ! अलसी से अच्छा इसका कोई और सोत्र नही है, अत: मदुमेह के रोगी को प्रतिदिन 25 ग्राम पिसी अलसी को आते में मिलाकर रोटी बनाकर खाना चाहिए !
- डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ होता है !
- एक पके हुए अमरुद को आग में भुनकर और छीलकर उसे अच्छे से मैश करके उसका भरता बना ले ! उसमे स्वादानुसार नमक, काली मिर्च, जीरा मिलाकर खाएं ! इसका डायबिटीज में काफी लाभ होता है !
- करेले के फलों को छाया में सुखा कर महीन चूर्ण बनाकर रखें ! इसे 3 ग्राम की मात्रा में जल या शहद के साथ सेवन करना चाहिए ! मधुमेह में यह उत्तम कार्य करता है ! यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढाता है !
- जौ का आटा 50 ग्राम और चने का आटा 10 ग्राम मिलाकर रोटी बनाएं ! इस आते की रोटी से मदुमेह नियंत्रित हो जाता है !
- 1 मिली ग्राम जामुन के सूखे बीजों के चूर्ण को दिन में तीन बार लेने से मदुमेह में लाभ होता है !
- मदुमेह के रोगियों के लिए आंवले का रस लाभप्रद होता है !
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