Thursday 16 July 2015

मधुमेह का आयुर्वेदिक इलाज 

  1. मधुमेह के रोगी चोकरयुक्त आटा, मुंग, अरहर व् चने की दाल, करेला, परवल, लौकी, तोरई, पालक व् बथुआ आदि की सब्जिया, टमाटर, खीरा और पपीता व् अमरुद आदि फलों का ( अल्प मात्रा में ) सेवन करे ! नाश्ते में अंकुरित अन्न या फीका दूध या छाछ ले !
  2. मीठे पदार्थों का त्याग करे ! तले पदार्थो, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, बर्गर व् पिज़्ज़ा आदि का भी प्रयोग न करे !
  3. अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 मधुमेह में लाभप्रद है ! ओमेगा 3 हमारे शरीर के अंदर नही बनता ! अलसी से अच्छा इसका कोई और सोत्र नही है, अत: मदुमेह के रोगी को प्रतिदिन 25 ग्राम पिसी अलसी को आते में मिलाकर रोटी बनाकर खाना चाहिए !
  4. डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए एक छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ लेने से लाभ होता है !
  5. एक पके हुए अमरुद को आग में भुनकर और छीलकर उसे अच्छे से मैश करके उसका भरता बना ले ! उसमे स्वादानुसार नमक, काली मिर्च, जीरा मिलाकर खाएं ! इसका डायबिटीज में काफी लाभ होता है !
  6. करेले के फलों को छाया में सुखा कर महीन चूर्ण बनाकर रखें ! इसे 3 ग्राम की मात्रा में जल या शहद के साथ सेवन करना चाहिए ! मधुमेह में यह उत्तम कार्य करता है ! यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्राव को बढाता है !
  7. जौ का आटा 50 ग्राम और चने का आटा 10 ग्राम मिलाकर रोटी बनाएं ! इस आते की रोटी से मदुमेह नियंत्रित हो जाता है !
  8. 1 मिली ग्राम जामुन के सूखे बीजों के चूर्ण को दिन में तीन बार लेने से मदुमेह में लाभ होता है !
  9. मदुमेह के रोगियों के लिए आंवले का रस लाभप्रद होता है !

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अमूल्य कथन

1 Amla a day = No Doctor
1 Lemon a day = No Fat
3 liters of Water per day = No Diseases
5 Tulsi Leafs a day = No Cancer
1 Cup milk a day = No bone Problem

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